UP DA Hike News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के लाखों श्रमिकों को महंगाई भत्ते के रूप में बड़ा तोहफा दिया है। यह फैसला दशहरा और दीपावली से ठीक पहले लिया गया है, जिससे अनगिनत परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी। इस निर्णय का लाभ प्रदेश के बड़ी संख्या में कर्मचारियों को मिलेगा। सरकार ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अंतर्गत आने वाले 74 अनुसूचित नियोजनों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए परिवर्तनीय महंगाई भत्ते की नई दरें घोषित कर दी हैं। ये दरें 1 अक्टूबर 2025 से अगले छह महीने तक प्रभावी रहेंगी। श्रम आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी आदेश ने श्रमिकों को बड़ी राहत दी है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वृद्धि
नई दरों का निर्धारण अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर किया गया है। 1 अक्टूबर 2025 से लागू हुई यह दरें प्रदेश के 74 अनुसूचित नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों पर लागू होंगी। इस संशोधन से अकुशल श्रेणी के कर्मचारियों की 5750 रुपए मासिक मूल मजदूरी पर 5271 रुपए का परिवर्तनीय महंगाई भत्ता जोड़ा जाएगा। इससे उनकी क्रयशक्ति में सुधार की उम्मीद है। यूपी श्रम आयुक्त शक्ति सेन मौर्य ने स्पष्ट किया कि जुलाई 2012 से दिसंबर 2012 के औसत 216 अंक और जनवरी 2025 से जून 2025 के औसत 414 अंक को आधार मानकर यह नई दरें तय की गई हैं।
1 अक्टूबर से नई दरें लागू
श्रम आयुक्त शक्ति सेन मौर्य के अनुसार परिवर्तनीय महंगाई भत्ते की नई दरें 1 अक्टूबर से लागू हो चुकी हैं और छह महीने तक प्रभावी रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो श्रमिक 15 अक्टूबर तक नवीनीकरण नहीं कराएंगे, उनके नाम निष्क्रिय सूची में शामिल कर दिए जाएंगे। इसके लिए 30 सितंबर को लेबर अड्डे पर जागरूकता कैंप आयोजित किया जाएगा, जिसमें श्रमिकों से अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक संख्या में नवीनीकरण कराएं।
ईंट भट्टा उद्योग के श्रमिकों को भी फायदा
आयुक्त ने यह भी बताया कि दैनिक मजदूरी किसी भी हालत में मासिक मजदूरी के 1/26 हिस्से से कम नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा ईंट भट्टा उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों के लिए भी नई मजदूरी तय की गई है। इसमें पटहेरा कार्य के लिए 700 रुपए प्रति हजार, भारी ढुलाई के लिए 211 रुपए प्रति हजार और निकासी कार्य के लिए भी 211 रुपए प्रति हजार की दर निर्धारित की गई है। इस संशोधन से ईंट भट्टा उद्योग में कार्यरत हजारों श्रमिकों को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार का यह फैसला संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने वाला साबित होगा।